सुशील त्रिपाठी बने सुल्तानपुर के नए जिलाध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी ने सुशील त्रिपाठी को सुल्तानपुर का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है, जो पहले काशी प्रांत के महामंत्री थे। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी में जीत में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। जिलाध्यक्ष बनने के बाद त्रिपाठी ने 2027 में भाजपा की जीती हुई चारों सीटों को बचाए रखने की चुनौती बताई। इस नियुक्ति पर ब्राह्मण वर्ग खुश है, जबकि अन्य वर्गों में नाराजगी है, और इसका उद्देश्य ब्राह्मण वोटरों को साधना है। त्रिपाठी के सामने 2027 में जीती हुई सीटों को बरकरार रखने और नई सीटें जीतने की चुनौती है।

Mar 17, 2025 - 17:02
सुशील त्रिपाठी बने सुल्तानपुर के नए जिलाध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सुशील त्रिपाठी को सुल्तानपुर का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। सुशील त्रिपाठी पहले काशी प्रांत के महामंत्री थे। यह माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी में जीत में सुशील त्रिपाठी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके चलते उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। जिलाध्यक्ष बनने के बाद सुशील त्रिपाठी ने कहा कि 2027 में भाजपा की जीती हुई चारों सीटों को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती होगी।

सुशील त्रिपाठी पहले काशी क्षेत्र में महामंत्री के पद पर थे। उन्होंने वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके दौरान संघ और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनका संपर्क बढ़ा। इस संपर्क का उन्हें फायदा मिला और उन्हें सिर्फ दस महीने में ही जिलाध्यक्ष बना दिया गया। यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा था।

सुशील त्रिपाठी को जिलाध्यक्ष बनाए जाने के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इस नियुक्ति से ब्राह्मण वर्ग के नेता खुश हैं, जबकि पार्टी के अन्य वर्गों में नाराजगी है। यह रणनीति डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड के बाद से नाराज चल रहे ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए भी देखी जा रही है। भाजपा की नजर खासकर मुस्लिम बहुल इसौली सीट पर है।

हालांकि, जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा के बाद से सभी वर्ग के नेता सुशील त्रिपाठी का समर्थन करते दिख रहे हैं, लेकिन क्षत्रिय समाज के नेता आंतरिक रूप से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। कुछ ब्राह्मण नेता भी नाराज दिख रहे हैं, जिनमें से एक प्रमुख ब्राह्मण नेता अध्यक्ष की घोषणा के बाद कार्यक्रम छोड़कर चले गए।

अब बीजेपी जिलाध्यक्ष सुशील त्रिपाठी के सामने बड़ी चुनौती यह है कि वे 2027 के चुनाव में चार जीती हुई सीटों को बरकरार रखें और एक नई सीट पर भी जीत हासिल करें। पिछले दो चुनावों में मोदी-योगी की लहर के बावजूद भाजपा को कुछ सीटों पर निराशा हाथ लगी थी, इसलिए उन्हें सभी को साथ लेकर चलने की चुनौती होगी।