जज यशवंत वर्मा के ट्रांसफर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नाराज

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने नाराजगी जताई है। बार एसोसिएशन ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच ट्रांसफर पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि वे 'कूड़ेदान' नहीं हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि जस्टिस वर्मा पक्षपातपूर्ण आदेश पारित कर रहे थे। जस्टिस वर्मा के निवास पर आग लगने के बाद भारी मात्रा में नकदी मिलने से न्यायिक हलकों में खलबली मच गई है। कुछ जजों ने उनके इस्तीफे का सुझाव दिया है, और अगर वह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ इन-हाउस जांच शुरू की जा सकती है।

Mar 21, 2025 - 22:32
जज यशवंत वर्मा के ट्रांसफर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नाराज
जस्टिस यशवंत वर्मा, जो पहले दिल्ली हाई कोर्ट में थे, अब इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांसफर हो गए हैं। इस ट्रांसफर से इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में नाराजगी है। बार एसोसिएशन ने कहा है कि वे 'कूड़ेदान' नहीं हैं और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की कमी है और नए जजों की नियुक्ति में बार से सलाह नहीं ली जाती है।

बार एसोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया है कि जस्टिस वर्मा पक्षपातपूर्ण आदेश पारित कर रहे थे और अधिवक्ताओं को निशाना बना रहे थे। कुछ मामलों में, उन्होंने बिना किसी को सुने ही एफआईआर और दंडात्मक कार्रवाई के आदेश दे दिए, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।

जस्टिस वर्मा के निवास पर आग लगने के बाद भारी मात्रा में नकदी मिली थी, जिससे न्यायिक हलकों में खलबली मच गई। कुछ लोगों का मानना है कि केवल ट्रांसफर पर्याप्त नहीं है और न्यायपालिका की साख बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। कुछ वरिष्ठ जजों ने जस्टिस वर्मा को इस्तीफा देने का सुझाव दिया है।

अगर वह इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ इन-हाउस जांच शुरू की जा सकती है, जो महाभियोग की दिशा में पहला कदम हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1999 में तय की गई प्रक्रिया के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश पहले जस्टिस वर्मा से स्पष्टीकरण मांगेंगे। यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होता है, तो एक जांच पैनल गठित किया जाएगा जिसमें सुप्रीम कोर्ट के एक जज और हाई कोर्ट के दो मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे।