युवाओं की सेहत और मोटापा: भारतीय जीवनशैली से सुधार

मोटापे से बिगड़ती सेहत की चर्चा हर तरफ है, लेकिन इसे भारतीय जीवनशैली और आहार-विहार से सुधारा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापे को बीमारियों की जड़ बताया है, और भारत में मोटापे के शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2050 तक 44 करोड़ भारतीय मोटापे की चपेट में आ सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है, जिसमें 'वन मील ए डे' का अभ्यास और दोपहर में भोजन करना शामिल है। भारतीयों को चिकनाई और मैदा से दूर रहना चाहिए, सूर्योदय से पहले उठना चाहिए, और योग करना चाहिए। बीएमआई हमेशा सही परिणाम नहीं देता, इसलिए डॉक्टरों को अन्य माप भी लेने चाहिए। मोटापा कई रोगों का कारण बन सकता है, जिसके लिए स्वास्थ्य सेवा में सुधार जरूरी है।

Mar 17, 2025 - 17:00
युवाओं की सेहत और मोटापा: भारतीय जीवनशैली से सुधार

युवाओं में मोटापा: एक गंभीर समस्या

आजकल हर तरफ मोटापे से बिगड़ती सेहत की चर्चा है, लेकिन इसे सुधारना मुश्किल नहीं है। डॉ. मिक्की मेहता के अनुसार, भारतीय जीवनशैली और आहार-विहार की परंपरा को अपनाकर सेहत को संतुलित किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मोटापे को बीमारियों की जड़ बताया है। भारत में मोटापे के शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आशंका है कि 2050 तक 44 करोड़ भारतीय मोटापे की चपेट में होंगे।

मोटापे से बचने के दो तरीके हैं: पहला, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे बढ़ने से रोका जाए। दूसरा, महंगी दवाओं और सर्जरी पर पैसा खर्च किया जाए।

भारतीय परंपरा में सही पोषण

आजकल कई तरह की डाइट प्रचलन में हैं, लेकिन भारतीय परंपरा में हमेशा से 'वन मील ए डे' का अभ्यास होता आया है। इसमें लोग जीने के लिए भोजन करते थे, भोजन के लिए नहीं जीते थे।

दोपहर में 10 से 2 बजे के बीच भोजन करना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इस समय पाचन शक्ति सबसे तेज होती है। सुबह फल और शाम को सूप या काढ़ा लिया जा सकता है।

स्वस्थ रहने का संकल्प

भारतीयों में मोटापा इसलिए भी बढ़ा है क्योंकि हमने चिकनाई और मैदा खाना शुरू कर दिया है। पैकेटबंद और प्रोसेस्ड भोजन का सेवन बढ़ गया है। हमें सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और योग अभ्यास करना चाहिए।

बीएमआई पर सवाल

मोटापे का आकलन करने के लिए बीएमआई की गणना पर भरोसा किया जाता है, लेकिन लैंसेट के अनुसार, बीएमआई हमेशा सही परिणाम नहीं देता है। डॉक्टरों को कमर की परिधि या शरीर की चर्बी को मापकर पुष्टि करनी चाहिए कि किसी व्यक्ति को मोटापा है या नहीं।

आर्थिकी पर दबाव

अधिक वजन वाले या मोटापे से ग्रस्त आधे से अधिक वयस्क आठ देशों में रहते हैं। लैंसेट रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में 49.71% और भारत में 12.41% लोग इस श्रेणी में आते हैं।

बीमारी का दरवाजा

मोटापा कई रोगों का कारण बन सकता है। इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवा, खाद्य वातावरण और सार्वजनिक नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।