विंध्याचल धाम: चैत्र नवरात्रि में मां विंध्यवासिनी का दर्शन

चैत्र नवरात्रि के अवसर पर, विंध्याचल धाम में मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। विंध्य क्षेत्र में स्थित मां विंध्यवासिनी मंदिर, भैरोनाथ मंदिर, मां अष्टभुजा मंदिर, मां महाकाली मंदिर और रामेश्वरम महादेव मंदिर विशेष महत्व रखते हैं। मान्यता है कि इन मंदिरों के दर्शन से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस बार पंचमी तिथि के क्षय के कारण, मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की 8 दिनों तक पूजा-अर्चना की जाएगी।

Mar 31, 2025 - 13:27
विंध्याचल धाम: चैत्र नवरात्रि में मां विंध्यवासिनी का दर्शन
मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश: विंध्याचल धाम, जो शक्ति उपासना का प्रमुख केंद्र है, चैत्र नवरात्रि के दौरान लाखों श्रद्धालुओं से गुलजार है। 30 मार्च से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि में, मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए भक्त विंध्य क्षेत्र के पवित्र मंदिरों में उमड़ रहे हैं। इस बार पंचमी तिथि के क्षय के कारण, मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की 8 दिनों तक पूजा-अर्चना की जाएगी।

मां विंध्यवासिनी मंदिर: विंध्य पर्वत पर विराजमान मां जगदंबा विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि मां विंध्यवासिनी सृष्टि की संरचना की देवी हैं, जिनकी कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

भैरोनाथ मंदिर: नवरात्रि में मां विंध्यवासिनी के दर्शन के साथ भैरोनाथ के दर्शन करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि भैरोनाथ के दर्शन के बिना मां के दर्शन का पूर्ण फल नहीं मिलता।

मां अष्टभुजा मंदिर: विंध्यवासिनी धाम से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित मां अष्टभुजा मंदिर का विशेष महत्व है। मां अष्टभुजा को महासरस्वती का स्वरूप माना जाता है, जिनके दर्शन से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

मां महाकाली मंदिर: त्रिकोण दर्शन का तीसरा महत्वपूर्ण स्थल मां महाकाली का मंदिर है, जो कालीखोह में स्थित है। मान्यता है कि यहीं मां महाकाली ने रक्तबीज राक्षस का वध किया था।

रामेश्वरम महादेव मंदिर: मां विंध्यवासिनी धाम से लगभग एक किलोमीटर दूर स्थित रामेश्वरम महादेव मंदिर का भी विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी।