शराब जब्ती: पटना में 1.75 लाख लीटर अवैध शराब नष्ट करने की तैयारी
पटना में जब्त लगभग 1.75 लाख लीटर अवैध शराब को नष्ट करने के लिए प्रशासन सख्त हो गया है। डीएम और एसएसपी ने मद्य निषेध मामलों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जब्त शराब को 10-15 दिनों में नष्ट करने, 1000 लीटर से अधिक के लंबित मामलों के लिए विशेष अभियान चलाने और वाहनों की नीलामी में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को नियमित छापेमारी और जब्ती करने के लिए कहा गया है। डीएम चंद्रशेखर सिंह ने विनष्टीकरण में देरी न करने और देशी शराब को 10 दिनों में, विदेशी शराब को 15 दिनों में नष्ट करने का आदेश दिया है। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि एक महीने से अधिक पुरानी जब्ती लंबित न रहे, अन्यथा कार्रवाई होगी। सहायक आयुक्त के अनुसार, लगभग 1.75 लाख लीटर शराब नष्ट होने के लिए लंबित है, और 500 से अधिक वाहनों का मूल्यांकन भी बाकी है, जिस पर डीएम ने नाराजगी जताई और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए.

पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी अवकाश कुमार ने समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में मद्य निषेध और उत्पाद से संबंधित मामलों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को जब्त की गई शराब को तुरंत नष्ट करने और जब्त किए गए वाहनों के अधिग्रहण के प्रस्ताव को शीघ्र उपलब्ध कराने, विधिवत मूल्यांकन और नीलामी करने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को लंबित मामलों की थानावार समीक्षा कर तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बैठक में जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक ने शराबबंदी और उत्पाद मामलों में प्रगति की बिंदुवार विस्तृत समीक्षा की। शराबबंदी अभियान के तहत वाहनों की नीलामी, जब्ती और शराब के विनष्टीकरण से संबंधित अद्यतन रिपोर्ट की भी समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मद्य निषेध अभियान का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी अधिकारियों को इसके लिए सजग, तत्पर और प्रतिबद्ध रहने की आवश्यकता है। उन्होंने लंबित मामलों को उच्च प्राथमिकता के आधार पर अभियान चलाकर निपटाने के निर्देश दिए, साथ ही नियमित छापेमारी, गिरफ्तारी और जब्ती करने के भी निर्देश दिए गए।
डीएम चंद्रशेखर सिंह ने शराब के भौतिक विनष्टीकरण कार्य को तत्परता से पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विनष्टीकरण में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। देशी शराब का विनष्टीकरण 10 दिनों के भीतर और विदेशी शराब का 15 दिनों के भीतर हो जाना चाहिए। जिन थानों में 1000 लीटर से अधिक शराब विनष्टीकरण के लिए लंबित है, वहां विशेष अभियान चलाकर इसे पूरा करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में एक महीने से अधिक समय से जब्त शराब विनष्टीकरण के लिए लंबित नहीं रहनी चाहिए, अन्यथा दोषी थानाध्यक्षों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शराब विनष्टीकरण के लिए थानावार सप्ताह में दो दिन दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों को तैनात रखने के भी निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने जब्त किए गए वाहनों के अधिग्रहण का प्रस्ताव अधिकतम 30 दिनों के अंदर जिला को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और सभी अनुमंडल पदाधिकारियों तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को नियमित रूप से निगरानी करते हुए आदेशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा।
सहायक आयुक्त (मद्य निषेध) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 1.75 लाख लीटर शराब विनष्टीकरण के लिए लंबित है। जिलाधिकारी ने इतनी अधिक मात्रा में शराब के लंबित रहने पर खेद व्यक्त किया और अधिकारियों को थानों में विनष्टीकरण के लिए लंबित शराब की मात्रा का भौतिक सत्यापन करते हुए अभियान चलाकर तुरंत विधिवत विनष्टीकरण करने का निर्देश दिया।
समीक्षा में यह भी पाया गया कि जब्त किए गए 500 से अधिक वाहनों का मूल्यांकन कार्य भी लंबित है, जिस पर जिलाधिकारी ने खेद व्यक्त करते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा। साथ ही, लापरवाही बरतने वाले मोटरयान निरीक्षकों से भी स्पष्टीकरण करने का निर्देश दिया गया। जिला परिवहन पदाधिकारी को 24 घंटे के अंदर मोटरयान निरीक्षकों का थानावार रोस्टर निकालकर मूल्यांकन कराने का निर्देश दिया गया।