'मेरे से गलती हो गई पापा', संजय की हालत देख पीले पड़ गए थे सुनील दत्त, अफसर ने किया 'बाबा' को पीटने का खुलासा
1993 मुंबई ब्लास्ट केस की जांच के दौरान संजय दत्त की गिरफ्तारी ने देशभर में सनसनी मचा दी और पूरे मामले को नए मोड़ पर ला खड़ा किया। इस केस की तह में जाते हुए IPS राकेश मारिया ने कई अहम खुलासे किए, जिन्होंने जांच को मजबूत दिशा दी। मारिया के बयान सामने आने के बाद घटनाओं की पृष्ठभूमि, हथियारों की बरामदगी और संजय दत्त की भूमिका को लेकर कई नए तथ्य उजागर हुए। यह पूरा मामला उस दौर की राजनीति, अपराध जगत और सुरक्षा तंत्र के जटिल संबंधों को एक बार फिर चर्चा में ले आया।
12 मार्च 1993 का दिन… मुंबई की सड़कों ने वह खौफनाक मंजर देखा, जिसने पूरी दुनिया को दहला दिया. मिनटों में 257 जानें चली गईं, सैकड़ों लोग घायल हुए और शहर की रफ्तार लगभग 27 करोड़ डॉलर के नुकसान के साथ थम गई. इस खूनी साजिश के पीछे था दाऊद इब्राहिम का खूंखार नेटवर्क. इसी भयानक केस की जांच में IPS राकेश मारिया का नाम इतिहास में दर्ज हो गया. लेकिन इस तफ्तीश का एक चौंकाने वाला मोड़ बॉलीवुड के एक बड़े सितारे– संजय दत्त की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल गया. हाल ही में एक इंटरव्यू में मारिया ने 32 साल पुरानी इस कहानी के अनसुने पन्ने खोले और बताया कि कैसे संजय दत्त का नाम इस साजिश में सामने आया.
मारिया ने बताया कि वह पल कितना भारी था जब पहली बार संजय दत्त का जुड़ाव इस केस से पता चला. गिरफ्तारी के बाद जब संजय ने अपने पिता, दिग्गज कलाकार और नेता सुनील दत्त को देखा, तो उनके सब्र का बांध टूट गया. वे बच्चे की तरह फफककर रो पड़े. उस समय सुनील दत्त का चेहरा ऐसा पीला पड़ गया जैसे किसी ने उनकी सांसें छीन ली हों.
उस वक्त मुंबई क्राइम ब्रांच इस सनसनीखेज केस की जांच कर रही थी, और इसकी कमान एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस राकेश मारिया के हाथ में थी. धीरे-धीरे खुलासे होते गए और पता चला कि विस्फोटों में इस्तेमाल हुआ खतरनाक हथियारों का जखीरा मुंबई में ही छिपाया गया था. इसी दौरान हनीफ कादावाला और समीर हिंगोरा के जरिए एक नाम सामने आया—संजय दत्त. ये खुलासा सबको झकझोर देने वाला था.
जैसे ही पुख्ता जानकारी मिली, संजय को सीधे एयरपोर्ट से हिरासत में ले लिया गया. मारिया ने याद करते हुए बताया कि बिना समय गंवाए उन्हें वहीं से कस्टडी में लेकर क्राइम ब्रांच पहुंचाया गया, जहां उनसे लगातार पूछताछ शुरू की गई.
शुरुआत में संजय खुद को बिल्कुल बेगुनाह बताते रहे, लेकिन कड़े सवालों और सबूतों के दबाव में आखिरकार उन्होंने स्वीकार कर लिया कि उनसे बड़ी गलती हो गई. इस कबूलनामे के बाद जांच की दिशा पूरी तरह बदल गई.
जब पिता और बेटे की आमने-सामने मुलाकात हुई, तो माहौल बेहद भारी हो गया. संजय दत्त सुबकते हुए बस इतना कह पाए—‘पापा, गलती हो गई मुझसे…’ यह सुनते ही सुनील दत्त का चेहरा फक पड़ गया, मानो सारी दुनिया उनके सामने ठहर गई हो.
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 2007 में TADA कोर्ट ने संजय दत्त को दोषी करार दिया. उन्हें छह साल कैद की सजा सुनाई गई, जिसे उन्होंने 2013 से 2016 के बीच पूरा किया. इस घटना ने न सिर्फ बॉलीवुड बल्कि पूरे देश को हिला दिया और संजय दत्त की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया.