घर के बड़ों की आदतें जो बच्चों को तनाव देती हैं
घर के बड़ों की कुछ आदतें बच्चों के जीवन में तनाव का कारण बन सकती हैं। बच्चों की आलोचना, अत्यधिक उम्मीदें, और उनसे ठीक से बात न करना, उन्हें भावनात्मक रूप से अकेला कर सकता है। उनकी भावनाओं को नजरअंदाज करना और अत्यधिक सख्ती बरतना भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, बच्चों को प्रोत्साहित करना और उनकी भावनाओं को समझना महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से उनका आत्म-सम्मान बढ़ेगा और वे गलत रास्ते पर जाने से बचेंगे। बुजुर्गों को चाहिए कि वे बच्चों के साथ स्नेहपूर्ण और समझदारी भरा व्यवहार करें।

बुजुर्गों की कुछ आदतें बच्चों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। अत्यधिक उम्मीदें रखने से बच्चे दबाव में आ सकते हैं और असफल होने पर आत्म-संदेह का शिकार हो सकते हैं।
बच्चों की लगातार आलोचना करने से वे हीन भावना से ग्रस्त हो सकते हैं, जिससे तनाव और चिंता बढ़ती है।
बुजुर्गों द्वारा बच्चों से ठीक से बात न करने पर वे भावनात्मक रूप से अकेला महसूस करते हैं, जिससे उनमें खालीपन और अकेलेपन की आदत विकसित हो सकती है। इसलिए, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
बच्चों की भावनाओं को नजरअंदाज करने से उनका आत्म-सम्मान कम हो सकता है। प्रत्येक बच्चे को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और समझने की आवश्यकता होती है, और इसकी कमी से तनाव और चिंता हो सकती है।
अत्यधिक सख्ती बच्चों को परेशान कर सकती है और उन्हें गलत रास्ते पर ले जा सकती है। इसलिए, बड़ों को बच्चों के साथ अत्यधिक सख्त नहीं होना चाहिए।