पुरानी तस्वीर से खरगे पर निशाना: इफ्तार पार्टी की सच्चाई

सोशल मीडिया पर मल्लिकार्जुन खरगे की 2006 की इफ्तार पार्टी की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे कुछ यूजर्स भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। तस्वीर को खरगे के गंगा स्नान पर दिए गए बयान के बाद वायरल किया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि खरगे रोजा इफ्तार से गरीबी दूर करने की बात कर रहे हैं। पड़ताल में पता चला कि यह तस्वीर पुरानी है और इसे गलत दावे के साथ पेश किया जा रहा है।

Mar 8, 2025 - 16:48
पुरानी तस्वीर से खरगे पर निशाना: इफ्तार पार्टी की सच्चाई
सोशल मीडिया पर मल्लिकार्जुन खरगे की एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वे इफ्तार करते दिख रहे हैं। यह तस्वीर 2006 की है, जब खरगे बेंगलुरु में एक इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को खरगे के गंगा स्नान पर दिए गए बयान के बाद भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

दावा किया जा रहा है कि खरगे गंगा स्नान से गरीबी दूर नहीं होने की बात कर रोजा इफ्तार से गरीबी दूर करने की बात कर रहे हैं।

सजग की टीम ने पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर 2006 की है, जब खरगे कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे और बेंगलुरु में एक इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे।

यह तस्वीर उस वक्त वायरल हुई है जब खरगे ने महाकुंभ को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी दूर होती है। इसी बयान के बाद यूजर्स ने उनकी पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया है।

निष्कर्ष यह है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही मल्लिकार्जुन खरगे की इफ्तार करते हुए तस्वीर पुरानी है और इसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है。