इंडो-चीन बॉर्डर रोड: पहले फेज की एक सड़क अब भी अधूरी
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने संसद की स्थायी समिति को बताया कि भारत-चीन सीमा सड़क परियोजना के पहले चरण में देरी हुई है। 2008 में शुरू हुई 13 सड़कों में से अभी भी एक सड़क का काम बाकी है, जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित मुनस्यारी-बुगडियार-मिलम सड़क है। बीआरओ ने कहा कि दुर्गम इलाकों में सख्त चट्टानों को काटना मुश्किल है, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण काम करने के लिए सीमित समय मिलता है, और निर्माण सामग्री की उपलब्धता भी एक समस्या है। प्राकृतिक आपदाओं और भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण परियोजनाओं में और देरी होती है।

बीआरओ के महानिदेशक ने समिति को बताया कि परियोजना के पहले चरण में देरी हुई है। 2008 में शुरू हुई 13 सड़कों में से अभी भी एक सड़क का काम बाकी है। यह मुनस्यारी-बुगडियार-मिलम सड़क है, जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। इस सड़क के बनने से सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और इसे पूरा होने में लगभग एक साल और लगेगा।
बीआरओ ने स्थायी समिति को यह भी बताया कि उन्हें सड़कों के निर्माण में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दुर्गम इलाकों में सख्त चट्टानों को काटना मुश्किल है, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण काम करने के लिए सीमित समय मिलता है, निर्माण सामग्री की उपलब्धता भी एक समस्या है। इसके अतिरिक्त, प्राकृतिक आपदाओं के कारण संसाधनों को अन्यत्र मोड़ने की आवश्यकता होती है, जिससे सड़क निर्माण में और देरी होती है। भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी प्रक्रियाओं में भी समय लगता है।
बीआरओ ने यह भी बताया कि प्रतिष्ठित ठेकेदार दूरदराज के इलाकों और वहां की कठिनाइयों के कारण परियोजनाओं में भाग लेने के इच्छुक नहीं हैं।