विटामिन डी की कमी: लक्षण और सुपरफूड्स से इलाज
विटामिन डी हड्डियों, मानसिक स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के लिए जरूरी है। भारत में इसकी कमी आम है, लेकिन कुछ फूड्स से इसे पूरा किया जा सकता है। यह कैल्शियम अवशोषण में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है। ICRIER के अनुसार, हर 5 में से 1 भारतीय प्रभावित है। इसके लक्षणों में थकान, हड्डी दर्द, और मांसपेशियों की कमजोरी शामिल हैं। सूरज की रोशनी के अलावा, फोर्टिफाइड जूस, अंडे, ऑयली फिश और रेड मीट जैसे सुपरफूड्स से भी इसकी पूर्ति की जा सकती है। स्वास्थ्य सलाह के लिए डॉक्टर से मिलें।

विटामिन डी शरीर में कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। कैल्शियम के साथ मिलकर, यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से भी बचाता है, जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में, इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस (ICRIER) की एक रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति विटामिन डी की कमी से प्रभावित है।
यह कमी केवल बुजुर्गों या कुपोषित लोगों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सभी उम्र और व्यवसायों के लोगों को प्रभावित करती है। विटामिन डी की कमी के लक्षणों में थकान, हड्डियों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी और मूड में बदलाव शामिल हैं। हालांकि, कुछ लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते।
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सूरज की रोशनी सबसे अच्छा स्रोत है, लेकिन कुछ सुपरफूड्स भी मदद कर सकते हैं। फोर्टिफाइड संतरे का जूस, अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड फूड्स (जैसे फैट स्प्रेड और ब्रेकफास्ट सीरियल्स), ऑयली फिश (जैसे सैल्मन और मैकेरल), और रेड मीट विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं। इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करके विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।