क्या शिशु को छुहारा खिलाना सही है?
एक सोशल मीडिया रील में दावा किया गया है कि 6 महीने के बाद बच्चे को छुहारा खिलाने से दांत आसानी से निकल आते हैं। पीडियाट्रिक डेंटिस्ट डॉ. प्रेमिला नायडू के अनुसार, यह दावा एक हद तक सही है। 6 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों को छुहारा दिया जा सकता है, लेकिन सावधानी जरूरी है। छुहारे में नेचुरल शुगर, फाइबर, पोटेशियम, मैग्नीशियम और आयरन होता है, जो बच्चे के विकास में मदद करते हैं। इसे सुरक्षित तरीके से खिलाएं और डॉक्टर से सलाह लें।

क्या है दावा?
सोशल मीडिया पर एक रील में दावा किया गया है कि 6 महीने के बाद बच्चे को छुहारा खिलाने से उसके दांत आसानी से निकल आते हैं। इसके लिए छुहारे को भूनकर, बीज निकालकर, पाउडर बनाकर बच्चे को खिलाना चाहिए।
दावे का सच
इस दावे की सच्चाई जानने के लिए पीडियाट्रिक डेंटिस्ट डॉ. प्रेमिला नायडू से बात की गई। उन्होंने बताया कि यह दावा एक हद तक सही है। 6 महीने से ज्यादा उम्र के बच्चों को छुहारा दिया जा सकता है, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है।
छुहारे के फायदे
छुहारे में नेचुरल शुगर, फाइबर, पोटेशियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं। ये बच्चे के विकास में मदद करते हैं। छुहारे को चबाने से दांत निकलने के दौरान होने वाली तकलीफ भी कम हो सकती है।
कैसे खिलाएं छुहारा?
छुहारा चिपचिपा होता है, इसलिए बच्चे को इसे सुरक्षित तरीके से खिलाना चाहिए। घुटन से बचाने के लिए गुठलीदार छुहारा देना बेहतर है। इसे भिगोकर और मसलकर प्यूरी बनाकर भी खिला सकते हैं। आप इसे दलिया या दही में मिलाकर भी बच्चे को दे सकते हैं। इसमें नेचुरल शुगर होती है इसलिए कम मात्रा में ही दें।
डॉक्टर की सलाह
बच्चे की डाइट में कुछ भी नया शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। खासकर, अगर परिवार में एलर्जी का इतिहास रहा हो। सही तरीके से छुहारा दिया जाए तो यह दांत निकलने के दर्द को कम करने का हेल्दी तरीका हो सकता है।