यूक्रेन शांति वार्ता: पुतिन से मिले ट्रंप के दूत, क्या निकलेगा हल?
अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में शांति स्थापित करने के लिए मुलाकात की। क्रेमलिन के अनुसार, इस बैठक में ट्रंप और पुतिन के बीच सीधी बातचीत की संभावनाओं पर विचार हुआ, लेकिन क्रेमलिन को तत्काल किसी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं है। विटकॉफ ने पुतिन के निवेश दूत किरिल दिमित्रिएव के साथ भी चर्चा की। यूक्रेन में शांति की उम्मीदें अभी भी कम हैं, क्योंकि युद्ध को रोकने के लिए रखी जा रही शर्तों पर दोनों देशों में सहमति नहीं बन पाई है। पुतिन ने कहा है कि वह शांति के लिए तैयार हैं, लेकिन सभी मुद्दों पर बातचीत होनी चाहिए।

हालांकि, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस बैठक से तत्काल किसी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं जताई है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी दूत की यह यात्रा ऐतिहासिक नहीं होगी।
विटकॉफ ने पुतिन के निवेश दूत किरिल दिमित्रिएव के साथ भी चर्चा की, जिन्होंने इस मीटिंग को सकारात्मक बताया। यूक्रेन में शांति की उम्मीदें अभी भी कम हैं, क्योंकि युद्ध को रोकने के लिए रखी जा रही शर्तों पर दोनों देशों में सहमति नहीं बन पाई है। रूस की शर्तें हैं कि यूक्रेन नाटो में शामिल न हो, अपनी सेना कम करे, और मॉस्को को कब्जे वाले चार यूक्रेनी क्षेत्र सौंपे।
डोनाल्ड ट्रंप ने शांति वार्ता में हो रही देरी पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि रूस को आगे बढ़ना होगा, क्योंकि इस युद्ध में हर हफ्ते हजारों लोग मर रहे हैं। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी है। वहीं, यूक्रेनी अधिकारियों ने रूस पर बिजली संयंत्रों पर पहले हुए युद्धविराम समझौते को तोड़ने का आरोप लगाया है।
पुतिन ने कहा है कि वह शांति के लिए तैयार हैं, लेकिन सभी मुद्दों पर बातचीत होनी चाहिए। उनका मानना है कि नाटो का विस्तार और यूक्रेनी क्षेत्रों पर रूस का प्रभुत्व युद्ध का कारण है। यूक्रेन ने रूस की कई शर्तों को अस्वीकार्य बताते हुए मानने से इनकार कर दिया है, जिससे युद्धविराम की कोशिशें बाधित हो रही हैं।