AIIMS में दवा और मेडिकल डिवाइस की सेफ्टी मॉनिटरिंग सख्त

एम्स दिल्ली ने मरीजों की सुरक्षा के लिए दवा और मेडिकल डिवाइस की निगरानी सख्त करने के लिए विशेष समिति बनाई है। इस पहल का उद्देश्य दवाओं और उपकरणों के संभावित दुष्प्रभावों की पहचान करना, हेल्थ सिस्टम में पारदर्शिता बनाए रखना और मरीजों को सुरक्षित इलाज उपलब्ध कराना है। इस निगरानी प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक कमिटी बनाई गई है, जिसमें डॉक्टरों और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। एम्स ने सभी मेडिकल स्टाफ से इस पहल में सहयोग करने की अपील की है।

Mar 18, 2025 - 23:36
AIIMS में दवा और मेडिकल डिवाइस की सेफ्टी मॉनिटरिंग सख्त

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए दवाओं और मेडिकल उपकरणों की निगरानी के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। इस पहल का मकसद दवाओं और उपकरणों के संभावित साइड इफेक्ट्स की पहचान करना है, जिससे मरीजों को सुरक्षित इलाज मिल सके।

एम्स प्रशासन ने इस निगरानी प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक कमेटी बनाई है, जिसमें डॉ. पूजा गुप्ता को-ऑर्डिनेटर और डॉ. सुधीर चंद्र सारंगी डिप्टी को-ऑर्डिनेटर के रूप में काम करेंगे। इसके अतिरिक्त, एक छह सदस्यीय समिति भी बनाई गई है, जिसमें एम्स की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. निरुपम मदान और अन्य विभागों के प्रमुख शामिल हैं।

इस पहल से मरीजों को कई फायदे होंगे, जैसे इलाज से जुड़े जोखिमों की पहचान, स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और डॉक्टरों-नर्सिंग स्टाफ की सतर्कता में सुधार। यह समिति प्रतिकूल प्रभावों के मामलों का विश्लेषण करके भारतीय फार्माकोपिया आयोग को भेजेगी, जहाँ राष्ट्रीय स्तर पर इसका विश्लेषण किया जाएगा।

एम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने सभी मेडिकल सेंटर्स के प्रमुखों, विभागाध्यक्षों और नर्सिंग अधिकारियों को इस पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए कहा है। डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ से भी अपील की गई है कि वे किसी भी दवा या डिवाइस से होने वाले दुष्प्रभाव की तत्काल रिपोर्ट करें।

इस कदम से मरीजों की सुरक्षा और मजबूत होगी और दवाओं-उपकरणों से होने वाले खतरों को समय रहते रोका जा सकेगा। एम्स ने सभी मेडिकल स्टाफ से सहयोग करने का आग्रह किया है ताकि मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी इलाज मिल सके।