उच्च रक्तचाप: किडनी पर गंभीर प्रभाव, नई स्टडी का खुलासा
एक नई स्टडी में पता चला है कि साइलेंट हाई ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और इसके लक्षण भी दिखाई नहीं देते हैं। ऑस्ट्रिया की मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ विएना के रिसर्चर्स के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी में मौजूद पोडोसाइट्स नामक कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। यह स्टडी ‘Hypertension’ नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है। क्रिस्टोफर पासचेन ने बताया कि हाई बीपी वाले मरीजों में पोडोसाइट्स की संख्या बेहद कम पाई गई। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करें। संतुलित आहार, नमक कम खाना, नियमित व्यायाम और तनाव न लेने से हाई बीपी कंट्रोल किया जा सकता है।

ऑस्ट्रिया की मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ विएना के रिसर्चर्स के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर के कारण किडनी में मौजूद पोडोसाइट्स नामक कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है। रिसर्चर्स रेनर ओबरबाउर और हेंज रेगेले का कहना है कि अगर समय रहते हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को पहचान लिया जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है और किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है।
क्या कहती है स्टडी?
यह स्टडी ‘Hypertension’ नामक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसमें 99 मरीजों के किडनी टिशू का सर्वेक्षण किया गया, जिनमें कुछ को हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज थी, जबकि कुछ पूरी तरह से स्वस्थ थे। शोधकर्ताओं ने इन मरीजों के किडनी के टिश्यूज का विश्लेषण विशेष इमेजिंग तकनीक और कंप्यूटर से किया है।
डीप-लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल
इस स्टडी में पोडोसाइट्स और ग्लोमेरुली की संरचना और घनत्व को मापने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित डीप-लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया गया। इस प्रक्रिया में, टिशू के डिजिटल सेक्शन को खुद से विश्लेषित किया गया और किडनी की सूक्ष्म संरचना को समझा गया।
स्टडी के प्रमुख लेखक क्रिस्टोफर पासचेन ने बताया कि हाई बीपी वाले मरीजों में पोडोसाइट्स की संख्या बेहद कम पाई गई, जबकि उनकी कोशिकाओं के सेल न्यूक्लियस का आकार बढ़ा हुआ था। इससे पता चलता है कि हाई बीपी अपने आप किडनी को नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। उन्होंने यह भी बताया कि यह नुकसान काफी पहले शुरू हो जाता है, जब तक मरीज को कोई लक्षण महसूस भी नहीं होते।
किडनी का काम शरीर से टॉक्सिन्स और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालना है। जब ब्लड प्रेशर बढ़ता है, तो किडनी के छोटे-छोटे ब्लड वेसेल्स पर दबाव पड़ता है, जिससे किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती है। लंबे समय तक हाई बीपी रहने से किडनी धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है और इससे क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का खतरा बढ़ जाता है।
हाई बीपी को कैसे कंट्रोल करें?
नियमित रूप से ब्लड प्रेशर को मॉनिटर करें। अगर हाई बीपी है, तो इसे कंट्रोल में रखना जरूरी है। संतुलित आहार, नमक कम खाना, नियमित व्यायाम और तनाव न लेने से हाई बीपी कंट्रोल किया जा सकता है। अगर परिवार में किसी को किडनी से जुड़ी समस्या रही हो तो समय-समय पर किडनी की जांच करानी चाहिए। अगर हाई ब्लड प्रेशर लंबे समय से बना हुआ है तो डॉक्टर से जरूर मिलें।