बिहार: सीतामढ़ी के स्कूलों में कमरे और शिक्षकों की कमी
सीतामढ़ी जिले के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ी है, पर क्लास रूम की कमी है। विभाग ने मरम्मत के लिए तीन करोड़ दिए, फिर भी स्थिति खराब है। डुमरा के राजकीय बुनियादी स्कूल में चार कमरे हैं, जिनमें दो स्कूल चलते हैं। एक कमरे में चार क्लास के बच्चे पढ़ते हैं। बुनियादी विद्यालय में 330 और उमावि मधुबन में 490 बच्चे हैं, दोनों स्कूलों के लिए एक-एक हेडमास्टर हैं। शिक्षकों की कमी से उमावि मधुबन की स्थिति और भी खराब है।

जिले के डुमरा स्थित राजकीय बुनियादी स्कूल में केवल चार कमरे हैं, जिनमें दो स्कूल चलते हैं। तीन कमरों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चे पढ़ते हैं, जबकि एक कमरे में मधुबन के नौ से 12 तक के बच्चे पढ़ते हैं। पांच सालों से यही हाल है। एक कमरे में चार क्लास के बच्चों के बैठने की व्यवस्था होने से काफी दिक्कत होती है। परीक्षा के समय बरामदे और खुले परिसर का इस्तेमाल किया जाता है। बुनियादी विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक लगभग 330 बच्चे और उमावि मधुबन में कक्षा 9वीं से 12वीं तक लगभग 490 बच्चे नामांकित हैं। दोनों स्कूलों के लिए फिलहाल एक-एक हेडमास्टर हैं।
शिक्षकों की कमी के कारण उमावि मधुबन की स्थिति और भी खराब है। एक कमरे में चार क्लास के बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी केवल एक प्रधानाध्यापक पर है। 24 अगस्त 2020 से ही उमावि मधुबन बुनियादी विद्यालय में टैग है। एक शिक्षिका के वापस अपने मूल विद्यालय में चले जाने के बाद पिछले तीन-चार महीनों से दोनों स्कूल शिक्षक विहीन हैं और प्रधानाध्यापकों के सहारे चल रहे हैं।