नींद में पसीना: इन बीमारियों का हो सकता है संकेत
रात में सोते समय पसीना आना, जिसे नाइट स्वेटिंग भी कहते हैं, एक गंभीर समस्या हो सकती है। यह प्रोस्टेट कैंसर, मेनोपॉज, हाइपरथायरायडिज्म, तनाव, हृदय रोग, डायबिटीज और मोटापा जैसी बीमारियों का संकेत हो सकता है। यदि आपको रात में सोते समय अधिक पसीना आता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। लाइफस्टाइल में बदलाव करके इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। शरीर का शुगर लेवल अचानक कम हो जाने पर भी रात में पसीन आने लगता है। डायबिटीज के मरीजों में रात में पसीना आना हाइपोग्लाइसीमिया ब्लड शुगर का कम होने का संकेत हो सकता है।

आमतौर पर, गर्मी या भारी कंबल ओढ़ने की वजह से पसीना आ सकता है, लेकिन अगर आपने एसी चला रखा है या मौसम ठंडा है, तब भी आपको पसीना आ रहा है, तो यह चिंता का विषय है। सोते समय पसीना आना नॉर्मल नहीं होता है। यह डायबिटीज, हार्मोनल असंतुलन, हाइपरथायरायडिज्म या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से भी हो सकता है। ऐसे में, इसे हल्के में लेने के बजाय इसकी सही वजह जानना जरूरी है।
प्रोस्टेट कैंसर: पुरुषों में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। रात में सोते समय ज्यादा पसीना आना प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है।
मेनोपॉज: महिलाओं को रात में सोते समय ज्यादा पसीना आना मेनोपॉज का संकेत हो सकता है। इस दौरान हार्मोंस में बदलाव होते हैं, जिस कारण अधिक उम्र की महिलाओं को रात में अधिक पसीना आ सकता है।
हाइपरथायरायडिज्म: जब थायरॉइड ग्रंथि ज्यादा मात्रा में थायरॉइड हार्मोन बनाती है, तो हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति होती है। जब हाइपरथायरायडिज्म ज्यादा एक्टिव हो जाता है, तो हमारा शरीर गर्मी और पसीना बर्दाश्त नहीं कर पाता है।
तनाव और चिंता: ज्यादा तनाव लेने या चिंता करने से भी रात को सोते समय पसीना आ सकता है। ऐसे में दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं और घबराहट महसूस होने लगती है।
हार्ट डिजीज का खतरा: रात को सोते समय काफी ज्यादा पसीना आ रहा है, तो ये हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में एक बार अपने हार्ट की जांच जरूर करा लें।
डायबिटीज: शरीर का शुगर लेवल अचानक कम हो जाने पर भी रात में पसीना आने लगता है। डायबिटीज के मरीजों में रात में पसीना आना हाइपोग्लाइसीमिया ब्लड शुगर का कम होने का संकेत हो सकता है।
मोटापा: रात में सोते समय पसीना आने के पीछे मोटापा भी एक कारण हो सकता है। शरीर का वजन काफी ज्यादा होने पर मरीजों को गर्मी काफी ज्यादा लगती है, जिसकी वजह से उन्हें काफी ज्यादा पसीना आता है।