म्यांमार में भूकंप से भारी तबाही, भारत ने भेजी मदद
म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 1,644 तक पहुंच गई है। म्यांमार के कई क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में कठिनाई हो रही है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने 1,644 मौतों की पुष्टि की है। भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई। मांडले शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। म्यांमार की जुंटा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है, जिसके बाद कई देशों ने सहायता का ऐलान किया है। भारत ने भी मेडिकल टीम और राहत सामग्री भेजी है। सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि म्यांमार आपदा से निपटने के लिए तैयार नहीं है.

म्यांमार की सैन्य सरकार ने 1,644 मौतों और 3,408 घायलों की पुष्टि की है, जबकि 139 लोग लापता हैं। भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई, जिसके बाद 6.7 तीव्रता का आफ्टरशॉक आया। मांडले शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जहां कई इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई हैं।
मांडले में 694 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि राजधानी नेपीडॉ में 94 लोगों की जान गई है। म्यांमार में जनजीवन अस्त-व्यस्त है और लोग राहत का इंतजार कर रहे हैं। सड़कों पर दरारें पड़ने से यातायात प्रभावित है।
म्यांमार की जुंटा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद की गुहार लगाई है, जिसके बाद अमेरिका, रूस, मलेशिया, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया ने राहत सामग्री और सहायता प्रदान करने का ऐलान किया है। भारत ने भी 118 सदस्यों वाली मेडिकल टीम और 40 टन राहत सामग्री भेजी है। प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार के सैन्य प्रमुख से बात कर भारत की एकजुटता व्यक्त की है। सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि म्यांमार आपदा से निपटने के लिए तैयार नहीं है।