मुंबई में यातायात: फ्लाईओवर बना मुसीबत!
मुंबई, जो कभी अपने सुव्यवस्थित परिवहन के लिए जानी जाती थी, आज ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों से जूझ रही है। फ्लाईओवर और मेट्रो लाइनों के निर्माण के बावजूद, शहर की परिवहन समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि अधिक सड़कें बनाने से ट्रैफिक कम नहीं होता, बल्कि बढ़ता है। मुंबई का प्रसिद्ध BEST बस नेटवर्क भी बदहाल हो गया है। शहर में फ्लाईओवर पर जाम, खचाखच भरी लोकल ट्रेनें और खाली मेट्रो लाइनें, यह सब मिलकर मुंबई को एक 'जाम वाला शहर' बनाते हैं।

1990 के दशक में, मुंबई में कई फ्लाईओवर बनाए गए, खासकर वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर। हालांकि, इन फ्लाईओवर ने ट्रैफिक जाम को कम करने की बजाय बढ़ा दिया है। अब, फ्लाईओवर पर भी 30 मिनट तक का जाम लगना आम बात है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक सड़कें बनाने से ट्रैफिक कम नहीं होता, बल्कि बढ़ता है। मुंबई इसका एक उदाहरण है, जहाँ करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद ट्रैफिक की समस्या जस की तस बनी हुई है।
लोकल ट्रेनों में भीड़भाड़ भी एक गंभीर समस्या है। सरकार ने मेट्रो का निर्माण शुरू किया, लेकिन मेट्रो लाइनें भी भीड़भाड़ वाली हैं या खराब कनेक्टिविटी के कारण खाली रहती हैं।
मुंबई का प्रसिद्ध BEST बस नेटवर्क भी बदहाल हो गया है, क्योंकि सरकार के पास इसे चलाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। शहर में फ्लाईओवर पर जाम, खचाखच भरी लोकल ट्रेनें और खाली मेट्रो लाइनें, यह सब मिलकर मुंबई को एक 'जाम वाला शहर' बनाते हैं।