क्या सही पोजीशन में दूध पिलाने से शिशु को हिचकी आती है?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे के अनुसार, नवजात शिशुओं को गलत तरीके से दूध पिलाने पर हिचकी आती है। डॉक्टरों के अनुसार, यह दावा गलत है। हिचकी का कारण इममेच्‍योर डायफ्राम होता है, न कि दूध पिलाने की तकनीक। डॉक्टरों का सुझाव है कि मां को कम से कम 4 महीने तक शिशु को स्तनपान कराना चाहिए, क्योंकि इससे मां और बच्चे दोनों को फायदा होता है। स्तनपान से बॉन्डिंग मजबूत होती है, वजन घटता है और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है। इसलिए, सही जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

Mar 15, 2025 - 18:18
क्या सही पोजीशन में दूध पिलाने से शिशु को हिचकी आती है?
सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है कि अगर नवजात शिशुओं को सही तरीके से दूध नहीं पिलाया जाता है, तो उन्हें हिचकी आ सकती है। इस दावे में कितनी सच्चाई है, यह जानना जरूरी है।

इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि नवजात शिशुओं में हिचकी आना एक सामान्य प्रक्रिया है और इसका दूध पिलाने की तकनीक से कोई सीधा संबंध नहीं है। डॉक्टरों के अनुसार, हिचकी इममेच्‍योर डायफ्राम के कारण होती है।

डॉक्टरों का यह भी कहना है कि मां को कम से कम 4 से 4.5 महीने तक शिशु को स्तनपान कराना चाहिए। इससे मां और बच्चे के बीच बॉन्डिंग मजबूत होती है, और यह प्रेग्‍नेंसी के बाद वजन घटाने में भी मददगार होता है। स्तनपान एक नेचुरल कैलोरी बर्नर है और ब्रेस्‍ट कैंसर को भी बढ़ने से रोक सकता है।

इसलिए, नई माताओं को शिशु को स्तनपान कराने की सही पोजीशन के बारे में जानकारी लेनी चाहिए, ताकि आगे होने वाली समस्‍याओं से बचा जा सके।