डबल इंजन सरकार में केदारनाथ का कायाकल्प, उपचुनाव में भाजपा की स्थिति मज़बूत
पिछले सात वर्षों में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण और विकास में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जो अभूतपूर्व कार्य किए हैं, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले गए हैं। त्रासदी के बाद केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण महज एक पुनर्निर्माण परियोजना नहीं थी, बल्कि यह सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया, जिसमें धाम की प्राचीनता, आधुनिकता, और स्थिरता को संतुलित करते हुए काम किया गया।

पिछले सात वर्षों में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण और विकास में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जो अभूतपूर्व कार्य किए हैं, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले गए हैं। त्रासदी के बाद केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण महज एक पुनर्निर्माण परियोजना नहीं थी, बल्कि यह सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया, जिसमें धाम की प्राचीनता, आधुनिकता, और स्थिरता को संतुलित करते हुए काम किया गया। 150 करोड़ की लागत से मंदिर परिसर के आसपास की पुनर्निर्माण परियोजनाएं आरंभ की गईं, जिसने धार्मिक यात्रियों के लिए सुविधाओं और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
धामी सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट और रोपवे परियोजना जैसी योजनाओं ने यात्रा को सुगम, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाया है। 1,200 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे रोपवे से तीर्थयात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी और पहाड़ी इलाकों में यात्रा के जोखिम कम होंगे। इसके अलावा, सड़क चौड़ीकरण और पुल निर्माण जैसे कार्यों ने भी यात्रा को सुरक्षित बनाया है। इन विकास परियोजनाओं से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिला है, बल्कि राज्य के आर्थिक परिदृश्य में भी बड़ा बदलाव आया है।
2020 और 2021 में, केदारनाथ धाम में बुनियादी ढांचे का उन्नयन तेजी से किया गया। तीर्थयात्रियों के लिए आधुनिक पार्किंग, शौचालय, विश्रामगृह, और चिकित्सा सुविधाओं का निर्माण किया गया, जिससे यहां की यात्रा पहले से अधिक आरामदायक और सुरक्षित हो गई। इसके अलावा, आपदा प्रबंधन केंद्रों का निर्माण और नई जल निकासी प्रणालियों की स्थापना ने आपदा की स्थितियों से निपटने की राज्य की क्षमता को मजबूत किया है। 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआत और स्मार्ट सुविधाओं के साथ, केदारनाथ धाम में हर पहलू को डिजिटलाइजेशन से जोड़ा गया है, जिससे भीड़ नियंत्रण और पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है।
रुद्रप्रयाग जिले में अन्य विकास योजनाओं में चोपता घाटी में 11.5 करोड़ रुपये की लागत से इको-टूरिज्म जोन का विकास भी शामिल है, जिससे इस क्षेत्र को "मिनी स्विट्जरलैंड" का खिताब प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री धामी की नेतृत्व क्षमता और भाजपा सरकार की योजनाओं ने रुद्रप्रयाग को धार्मिक पर्यटन और आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में उभारा है। इन्वेस्टर्स समिट के दौरान जिले में 600 करोड़ रुपये के निवेश की योजनाओं से यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जबकि महाप्रसाद योजना जैसी योजनाएं महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण में बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
केदारनाथ उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी की लोकप्रियता और भाजपा सरकार द्वारा किए गए ये विकास कार्य एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। धामी सरकार की प्रतिबद्धता को देखते हुए, मतदाताओं का समर्थन उनके पक्ष में मजबूत होता दिखाई दे रहा है। विकास योजनाओं के माध्यम से भाजपा ने न केवल धार्मिक और आर्थिक रूप से इस क्षेत्र को सशक्त किया है, बल्कि राज्य के हर वर्ग के लिए ठोस नीतियों को अमल में लाकर यह सुनिश्चित किया है कि उत्तराखंड सही मायने में उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है।