मैकेनिकल बाबा: फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले नागा साधु करीला मेले में आकर्षण का केंद्र
अशोकनगर जिले के करीला में रंग पंचमी पर तीन दिवसीय मेला लगा है, जिसमें 20 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस मेले में महाकुंभ से लौटे नागा साधु भी शामिल हैं, जिनमें से एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं। करीला में मां जानकी के दरबार में वार्षिक मेले का आयोजन होता है, जहां लोग मनोकामना पूरी होने पर राई नृत्य करते हैं। इस बार, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक और बेंगलुरु से 6 नागा साधु पहुंचे हैं। केरल के मैकेनिकल इंजीनियर सचिन भी नागा साधुओं में शामिल हैं, जो बताते हैं कि वे कुंभ मेले में एक बाबा से मिले और 21 दिनों तक साथ में साधना की। सचिन इंजीनियरिंग के बाद खेती, योग और मार्शल आर्ट्स में सक्रिय रहे और अब योग सिखाते हैं।

इनमें से एक नागा साधु मैकेनिकल इंजीनियर हैं, जो केरल से आए हैं। मैकेनिकल बाबा के नाम से मशहूर ये नागा साधु मेले में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
करीला में, रंग पंचमी पर मां जानकी के दरबार में वार्षिक मेले का आयोजन होता है। यहां, देश-दुनिया से लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी होने पर राई नृत्य करते हैं। इस बार, करीला मेले में नागा साधु भी पहुंचे हैं।
राई नृत्य के लिए प्रसिद्ध करीला मेले में पहली बार नागा साधु आए हैं। करीला को महर्षि वाल्मीकि का आश्रम और लव कुश की जन्मस्थली भी माना जाता है। तेलंगाना, केरल, कर्नाटक और बेंगलुरु से 6 नागा साधु इस मेले में पहुंचे हैं। नागा साधु बाबा उमेश गिरी बापू ने बताया कि पहली बार अलग-अलग राज्यों से नागा साधु इस मेले में आए हैं, जहां भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।
श्री शंभू पंच दशनाम जूना अखाड़ा के उमेश गिरी बापू के टेंट में केरल के मैकेनिकल इंजीनियर सचिन भी हैं, जो बताते हैं कि वे 10 जनवरी को कुंभ मेले में पहुंचे थे। वहां उनकी मुलाकात एक बाबा से हुई, जो आध्यात्मिक साधना कर रहे थे। बाबा ने उन्हें साधना के बारे में बताया और 21 दिनों तक साथ में साधना करने के बाद, बाबा प्रयागराज छोड़कर चले गए। सचिन उनसे मिलने करीला आए, जो उनके लिए एक अद्भुत अनुभव रहा।
सचिन ने इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद कभी इंजीनियर के रूप में काम नहीं किया। वे खेती, योग और मार्शल आर्ट्स में सक्रिय रहे। अब वे योग, आसन, ध्यान और प्राणायाम सिखाते हैं और पूरी तरह से योग के मार्ग पर हैं। उनके हाथ पर अर्धनारीश्वर भगवान का टैटू है।