महंगे हवाई किराए पर संसद में हंगामा, सरकार से समाधान की मांग
लोकसभा में महंगे हवाई किराए का मुद्दा उठा, विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा और कहा कि 'हवाई चप्पल वालों को हवाई यात्रा' का नारा झूठा साबित हुआ है। सांसदों ने एयरलाइंस पर मनमाने ढंग से किराया वसूलने का आरोप लगाया, खासकर त्योहारों और महाकुंभ जैसे मौकों पर। कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने सरकार से कार्रवाई की मांग की, जबकि बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने एआई को कीमतों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार ठहराया। चर्चा में एटीएफ पर लगने वाले वैट का मुद्दा भी उठा।

कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस ने सरकार से इस पर ध्यान देने और संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग की, जिसमें बिना वजह किराया बढ़ाने पर एयरलाइंस पर जुर्माना लगाने की बात कही गई थी। समाजवादी पार्टी के आनंद भदौरिया ने कहा कि प्रयागराज का किराया इतना ज्यादा था कि आम आदमी हवाई यात्रा के बारे में सोच भी नहीं सकता था।
तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने कहा कि 2019 से 2024 के बीच हवाई किरायों में 43% की बढ़ोतरी हुई है, और सरकार को इसे किफायती बनाना चाहिए। बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि छोटे शहरों में विकास न होने और एआई के कारण किराए बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एआई की वजह से टिकटों की कीमतें कुछ ही मिनटों में बदल जाती हैं।
चर्चा में एटीएफ पर लगने वाले वैट का मुद्दा भी उठा। बिहार और तमिलनाडु 29% वैट ले रहे हैं, जबकि दिल्ली 25% और असम 23.65% वैट ले रहे हैं। मंत्रालय ने राज्यों से वैट कम करने का आग्रह किया है, ताकि किराए कम हो सकें। डीजीसीए ने एयरलाइंस से पिछले दो साल का टिकट डेटा मांगा है, ताकि कीमतों में उतार-चढ़ाव का विश्लेषण किया जा सके।