कोरोना जैसा वायरस HKU1: लक्षण, कारण और बचाव

कोलकाता में एक 45 वर्षीय महिला में कोरोना जैसा वायरस HKU1 पाया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत स्थिर है। यह वायरस ज्यादातर अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम को इफेक्ट करता है और सामान्य सर्दी-जुकाम जैसी परेशानी पैदा करता है। कुछ केसेस में यह निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस जैसी गंभीर लंग्स डिजीज का कारण भी बन सकता है। HCoV-HKU1 बेटाकोरोनावायरस फैमिली का वायरस है, जिसमें SARS और MERS जैसे खतरनाक वायरस भी शामिल हैं। हालांकि, यह COVID-19 जितना खतरनाक नहीं है और आमतौर पर हल्के रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का कारण बनता है। फिलहाल इस वायरस का कोई टीका या स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं है, लेकिन बेसिक सावधानियां बरतकर इंफेक्शन के खतरे को कम किया जा सकता है।

Mar 17, 2025 - 11:50
कोरोना जैसा वायरस HKU1: लक्षण, कारण और बचाव
कोलकाता में एक 45 वर्षीय महिला में कोरोना जैसा वायरस HKU1 पाया गया है। महिला पिछले 15 दिनों से बुखार, खांसी और सर्दी से परेशान थी, जिसके बाद उसे साउथ कोलकाता के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत स्थिर है और चिंता की कोई बात नहीं है। हालांकि, इस वायरस के बारे में जानकारी रखना जरूरी है ताकि समय रहते सावधानी बरती जा सके। यह वायरस ज्यादातर अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम को इफेक्ट करता है और सामान्य सर्दी-जुकाम जैसी परेशानी पैदा करता है। कुछ केसेस में यह निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस जैसी गंभीर लंग्स डिजीज का कारण भी बन सकता है.

ह्यूमन कोरोनावायरस HKU1 क्या है?
HCoV-HKU1 बेटाकोरोनावायरस फैमिली का वायरस है, जिसमें SARS और MERS जैसे खतरनाक वायरस भी शामिल हैं। हालांकि, यह COVID-19 जितना खतरनाक नहीं है और आमतौर पर हल्के रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का कारण बनता है।

HCoV-HKU1 के लक्षण क्या हैं?
ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण दिखाई देते हैं और मरीज बिना इलाज के ठीक हो जाता है, लेकिन बूढ़ों, बच्चों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में इंफेक्शन सीरियस हो सकता है। यह वायरस आमतौर पर फ्लू या सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है, जैसे कि लगातार खांसी, बहती नाक या नाक का बंद होना, गले में खराश, बुखार, छींक आना, थकान और कमजोरी, सिरदर्द और गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया या ब्रोंकाइटिस।

किन लोगों को ज्यादा खतरा है?
हालांकि यह वायरस COVID-19 जितना खतरनाक नहीं है, फिर भी कुछ लोगों के लिए यह ज्यादा रिस्की हो सकता है, जैसे कि 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग, नवजात और छोटे बच्चे, अस्थमा या सीओपीडी जैसी लंग्स डिजीज वाले मरीज, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग (जैसे कैंसर मरीज, ऑर्गन ट्रांसप्लांट कराने वाले, HIV/AIDS मरीज) और डायबिटीज या हार्ट डिजीज से पीड़ित लोग।

HCoV-HKU1 कैसे फैलता है?
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से, संक्रमित सरफेस (जैसे मोबाइल, दरवाज़े के हैंडल) को छूने के बाद चेहरे, मुंह या नाक को छूने से और संक्रमित व्यक्ति के करीब रहने से (जैसे परिवार या भीड़भाड़ वाली जगहों में) फैलता है।

बचाव कैसे करें?
फिलहाल इस वायरस का कोई टीका या स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं है, लेकिन बेसिक सावधानियां बरतकर इंफेक्शन के खतरे को कम किया जा सकता है, जैसे कि बार-बार हाथ धोना (कम से कम 20 सेकंड तक साबुन और पानी से), भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखना, बार-बार छुई जाने वाली सरफेस को सैनिटाइज करना (जैसे मोबाइल, टेबल, दरवाज़े के हैंडल), छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को ढंकना, पौष्टिक खाना खाना, भरपूर पानी पीना और पर्याप्त नींद लेना ताकि इम्यूनिटी स्ट्रांग बनी रहे。