तेज रफ्तार: दिल्ली में 57 दिनों में 760 करोड़ के चालान

दिल्ली में तेज रफ्तार और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हादसों का कारण बन रहा है। ट्रैफिक पुलिस ने इस साल 760 करोड़ रुपये के चालान काटे, लेकिन केवल 3.88 करोड़ रुपये ही वसूले गए। सख्त जुर्माने की कमी से लोग नियम तोड़ने में लापरवाह हैं। लोक अदालतों में चालान भरने की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण वसूली कम है। 2019 में मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव किए गए, लेकिन जुर्माने की राशि कम होने की उम्मीद में लोग चालान नहीं भरते, जिससे सरकार के प्रयासों को धक्का लगता है।

Mar 9, 2025 - 07:50
तेज रफ्तार: दिल्ली में 57 दिनों में 760 करोड़ के चालान
दिल्ली में तेज गति और यातायात नियमों का उल्लंघन लगातार दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है। इस साल के पहले 57 दिनों में, यातायात पुलिस ने 760 करोड़ रुपये के चालान जारी किए हैं, लेकिन केवल 3.88 करोड़ रुपये ही एकत्र किए गए हैं।

मुख्य बातें:
  • दिल्ली में तेज गति से दुर्घटनाओं में वृद्धि।
  • 2023 में 760 करोड़ रुपये के चालान, लेकिन वसूली केवल 3.88 करोड़ रुपये।
  • सख्त जुर्माने की कमी के कारण लोग नियम तोड़ने के प्रति लापरवाह।

विस्तृत जानकारी:
कृष्णा कुणाल सिंह, नई दिल्ली: दिल्ली में तेज गति के कारण लगातार दुर्घटनाएँ हो रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई लोगों की जान जा रही है। यातायात पुलिस दुर्घटनाओं को रोकने और जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन चालान का डर न होने के कारण लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। यातायात पुलिस मौके पर चालान जारी करने के साथ-साथ कैमरों के माध्यम से भी नियम तोड़ने वालों को ऑनलाइन चालान भेज रही है। इस वर्ष के शुरुआती 57 दिनों में ही यातायात पुलिस ने 760 करोड़ रुपये के चालान जारी किए हैं, लेकिन अब तक केवल 3 करोड़ 88 लाख 48 हजार रुपये ही वसूल किए गए हैं।

लोक अदालतों में अधिक चालान भरे जा रहे हैं:
अतिरिक्त आयुक्त सत्यवीर कटारा (यातायात) ने कहा कि नियमों के अनुसार यातायात पुलिस चालान जारी करती है। हालाँकि, प्राप्त राशि काफी कम है। चालान भरने के लिए लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है। यह भी देखा गया है कि लोक अदालतों में अधिक चालान भरे जा रहे हैं। अब शाम के समय भी लोक अदालतें लगने लगी हैं। जब तक सख्त जुर्माना प्रणाली नहीं होगी, तब तक लोग नियम तोड़ते रहेंगे।

2019 में मोटर वाहन अधिनियम में किए गए परिवर्तन:
  • बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना और 3 महीने तक की जेल हो सकती है।
  • बिना बीमा के गाड़ी चलाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
  • ओवरस्पीडिंग पर 5,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
  • बिना परमिट के गाड़ी चलाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • लाइसेंस नियमों का उल्लंघन करने पर 25,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • ओवरलोडिंग पर 2,000 रुपये और प्रति टन 1,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना हो सकता है।
  • सीट बेल्ट न लगाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
  • स्कूटर और बाइक पर ओवरलोडिंग, यानी दो से अधिक लोगों के होने पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना।

सख्ती क्यों जरूरी है?
लगभग पाँच साल पहले, सड़क परिवहन मंत्रालय ने अधिनियम में संशोधन करके जुर्माने की राशि इसलिए बढ़ाई ताकि नियम तोड़ने वालों पर आर्थिक असर पड़े और वे नियमों का पालन करें। लेकिन, लोक अदालतों में जुर्माने की राशि कम होने की उम्मीद में, अक्सर नियम तोड़ने वाले चालान होने पर भी जुर्माना नहीं भरते हैं और बाद में लोक अदालत से राहत पा लेते हैं। जाहिर है कि ऐसा होने से नियम तोड़ने वालों को प्रोत्साहन मिलता है। इस प्रकार, सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के सरकार के प्रयासों को भी झटका लगता है।