दिल्ली में बस संकट: DTC की 3000 बसें सड़कों से हटेंगी, यात्रियों को होगी परेशानी
दिल्ली में अगले महीने बसों का संकट आ सकता है, क्योंकि DTC की लगभग 2000 और क्लस्टर की 1000 बसें सड़कों से हट सकती हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी हो सकती है। सरकार नए बस ऑपरेटरों से बातचीत कर रही है और क्लस्टर बसों को एक्सटेंशन मिल सकता है। क्लस्टर बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना है, लेकिन इनकी आपूर्ति में देरी हो रही है। पुराने कॉन्ट्रैक्टरों ने सरकार को सलाह दी है कि जब तक इलेक्ट्रिक बसें नहीं आतीं, तब तक सीएनजी बसों को एक्सटेंशन दिया जाए। सरकार जल्द ही इस पर फैसला ले सकती है.

दिल्ली सरकार नए बस ऑपरेटरों से बातचीत कर रही है और क्लस्टर बसों को एक्सटेंशन मिल सकता है। सूत्रों के अनुसार, डीटीसी की 1932 बसों का जीवनकाल इस महीने के अंत में समाप्त हो रहा है। वहीं, क्लस्टर की 1000 बसों का कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म हो रहा है, लेकिन उनकी लाइफ अभी बाकी है।
इन बसों के हटने से यमुनापार और ग्रामीण इलाकों में दिक्कतें बढ़ेंगी, जहां पहले से ही बसों की कमी है। क्लस्टर बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसें लाने की योजना है, लेकिन इनकी आपूर्ति में देरी हो रही है। ऑटोमोबाइल सेक्टर के लोगों का कहना है कि इलेक्ट्रिक बसों की डिमांड देशभर में है, इसलिए समय लग रहा है।
पुरानी बसों के रहते डिपो खाली करना मुश्किल होगा। पुराने कॉन्ट्रैक्टरों ने सरकार को सलाह दी है कि जब तक इलेक्ट्रिक बसें नहीं आतीं, तब तक सीएनजी बसों को एक्सटेंशन दिया जाए। उनका कहना है कि जब डीटीसी की सीएनजी बसें 15 साल चल सकती हैं, तो क्लस्टर बसों को भी 15 साल चलाने में कोई अड़चन नहीं है। सरकार इस हफ्ते सभी पक्षों से बात करेगी और नई बसों के आने में लगने वाले समय के आधार पर फैसला ले सकती है।