बच्चों में ऑटिज्म: स्क्रीन का खतरा

डॉक्टर माधवी भारद्वाज ने बच्चों को खाना खिलाने या व्यस्त रखने के लिए स्क्रीन के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने एक केस स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि कैसे एक बच्चे में लगातार स्क्रीन देखने के कारण वर्चुअल ऑटिज्म के लक्षण विकसित हो गए। डॉक्टर माधवी ने बताया कि बच्चे ने आई कॉन्टैक्ट करना बंद कर दिया और अपने नाम पर प्रतिक्रिया देना भी कम कर दिया। उन्होंने माता-पिता को वायरल बुखार के बाद भी बच्चों को स्क्रीन से दूर रखने और एक साल के बच्चे के नाम पर प्रतिक्रिया न देने पर सतर्क रहने की सलाह दी है।

Mar 18, 2025 - 23:38
बच्चों में ऑटिज्म: स्क्रीन का खतरा
बच्चों में बढ़ता वर्चुअल ऑटिज्म का खतरा: डॉक्टर माधवी भारद्वाज की राय

आजकल बच्चों को खाना खिलाने या व्यस्त रखने के लिए माता-पिता अक्सर फोन या स्क्रीन का सहारा लेते हैं। हालांकि, यह तरीका बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है और वर्चुअल ऑटिज्म का कारण बन सकता है।

डॉक्टर माधवी भारद्वाज का नजरिया

पीडियाट्रिशियन डॉक्टर माधवी भारद्वाज ने इस विषय पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए अपने एक मरीज का उदाहरण दिया, जिसमें बच्चे को लगातार स्क्रीन दिखाने के कारण कई समस्याएं हुईं।

केस स्टडी: आई कॉन्टैक्ट की समस्या

डॉक्टर माधवी ने बताया कि एक मां अपने बच्चे को रूटीन चेकअप के लिए लाई थी। मां ने शिकायत की कि बच्चा आई कॉन्टैक्ट नहीं कर रहा है। डॉक्टर माधवी ने बताया कि बच्चा पिछले 17 महीनों से उनके पास आ रहा था और पहले कोई समस्या नहीं थी।

अस्पताल में स्क्रीन का उपयोग

मां ने बताया कि बच्चे को होमटाउन ले जाने पर उसकी तबीयत खराब हो गई थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। अस्पताल में बच्चे को व्यस्त रखने के लिए परिवार ने उसे स्क्रीन दिखानी शुरू कर दी।

घर आने के बाद समस्याएँ

अस्पताल से घर आने के बाद बच्चे ने खाना खाना कम कर दिया, और उसे खाना खिलाने के लिए फिर से स्क्रीन का सहारा लेना पड़ा। बच्चा स्क्रीन पर इतना निर्भर हो गया कि उसके बिना खाना खाने से मना करने लगा। इस कारण बच्चे में कई बदलाव आए।

रिस्पांस में कमी

लगातार फोन देखने के कारण बच्चे ने रिस्पांस करना कम कर दिया था। पहले वह बातें करता था और अपने नाम पर प्रतिक्रिया देता था, लेकिन अब उसने यह सब बंद कर दिया था। डॉक्टर ने इसे वर्चुअल ऑटिज्म का नाम दिया, जिसमें बच्चा वर्चुअल दुनिया में खो जाता है और बाहरी दुनिया से बात नहीं करना चाहता।

बचाव के उपाय

डॉक्टर माधवी ने इस समस्या से बचने के लिए कहा कि वायरल बुखार के बाद बच्चे की भूख कम हो जाती है, लेकिन इसके लिए फोन का सहारा लेना ठीक नहीं है। फोन देखकर खाना खाने से बच्चे को भोजन के बारे में जानकारी नहीं होती और उसे पता नहीं चलता कि वह क्या और कितना खा रहा है। यदि एक साल का होने के बाद बच्चा अपने नाम पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, तो इसे खतरे का संकेत समझना चाहिए।