गंगा में प्रदूषण पर बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार से गंगा नदी में अवैध निर्माण और प्रदूषण पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सरकार से अतिक्रमण हटाने के लिए उठाए गए कदमों और समय सीमा के बारे में पूछा है। यह आदेश जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने अशोक कुमार सिन्हा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें गंगा के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण और प्रदूषण का मुद्दा उठाया गया था। पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने बताया था कि 213 अवैध निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है। प्लास्टिक कचरे के मुद्दे पर पर्यावरण मंत्रालय ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है।

Apr 10, 2025 - 07:33
गंगा में प्रदूषण पर बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों को गंगा नदी में अवैध निर्माण और प्रदूषण के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने यह आदेश अशोक कुमार सिन्हा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में गंगा के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण और प्रदूषण का मुद्दा उठाया गया था, जिससे जलीय जीवन को खतरा है।

कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि उसने अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कदम उठाए हैं और कितने समय में यह काम पूरा होगा। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि राजस्व रिकॉर्ड में बाढ़ के मैदानों का वर्णन कैसे किया गया है और क्या वहां कोई निर्माण हुआ है।

पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने बताया था कि पटना के आसपास गंगा नदी से सटे 213 अवैध निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया चल रही है। कुछ मामलों में हाईकोर्ट से स्टे मिला है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों की जानकारी मांगी है।

अदालत ने पहले कहा था कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि गंगा नदी के आसपास कोई भी अवैध निर्माण या अतिक्रमण न हो।

यह मामला राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के एक आदेश के खिलाफ दायर किया गया था, जिसमें एनजीटी ने गंगा के बाढ़ के मैदानों पर अवैध निर्माण को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा कर दिया था।

प्लास्टिक कचरे के मुद्दे पर पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि उसने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है।

कभी गंगा नदी पटना शहर से होकर बहती थी, लेकिन अब यह कई किलोमीटर दूर चली गई है। इसके पीछे भूगर्भीय और मानव निर्मित दोनों कारण हैं।