अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स का 286 दिनों का सफर
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर नौ महीने से अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। नासा के दोनों अंतरिक्ष यात्री भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के 3:27 बजे धरती पर उतरे। सुनीता और बुच ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर नौ महीने बिताए और अंतरिक्ष से ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया। सुनीता विलियम्स ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि 'अनपेक्षित' हालात का सामना करना उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है, इसलिए वे आराम से अंतरिक्ष में वक्त गुजार रही हैं। सुनीता ने अंतरिक्ष से बताया था कि वे सुबह 06:30 बजे उठती हैं और हर दिन दो घंटे व्यायाम करती हैं। क्रिसमस पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से उन्होंने पृथ्वी पर अपने दोस्तों और परिवार को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी थीं।

सुनीता और बुच ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर नौ महीने बिताए और अंतरिक्ष से ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया। विलियम्स ने खुद को व्यस्त रखने के लिए कई काम किए।
वाशिंगटन: अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर नौ महीने बिताने के बाद नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पृथ्वी पर वापस आए हैं। हालांकि, उनके लिए यह मिशन आसान नहीं था क्योंकि वे आठ दिन के लिए अंतरिक्ष में गए थे। पिछले साल जून में सुनीता विलियम्स आठ दिन के मिशन पर अंतरिक्ष में गईं थीं। तकनीकी खराबी और कई समस्याओं के कारण वे अंतरिक्ष में फंस गईं और उन्हें वहां 286 दिन रहना पड़ा। आठ दिन के मिशन की तैयारी के साथ जाकर नौ महीने से ज्यादा समय तक रहना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आसान नहीं था। ऐसे में उन्होंने खुद को व्यस्त रखने के लिए कई काम किए।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने आईएसएस पर 9 महीने से ज्यादा समय तक स्टेशन के रखरखाव में मदद की। उन्होंने लगातार स्पेसवॉक भी किए और अंतरिक्ष यान की मरम्मत की। सुनीता और बुच ने एक साथ मिलकर स्टेशन के उपकरणों की मरम्मत करते हुए एनआईसीईआर एक्स-रे टेलीस्कोप पर लाइट फिल्टर लगाए और एक अंतरराष्ट्रीय डॉकिंग एडेप्टर पर एक रिफ्लेक्टर डिवाइस को भी बदला। इतना ही नहीं, उन्होंने अंतरिक्ष से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में वोट भी डाला।
सुनीता विलियम्स ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि 'अनपेक्षित' हालात का सामना करना उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है, इसलिए वे आराम से अंतरिक्ष में वक्त गुजार रही हैं। उन्होंने बताया था कि आईएसएस हर 24 घंटे में पृथ्वी की 16 परिक्रमा करता है। ऐसे में अंतरिक्ष यात्रियों को हर 45 मिनट में एक सूर्योदय या सूर्यास्त देखने को मिलता है, जो काफी रोमांचक होता है। सुनीता ने तब कहा था कि पृथ्वी से बहुत से लोग उन्हें संदेश भेजते हैं, जिससे उन्हें घर जैसा महसूस होता है।
बुच, सुनीता, डॉन पेटिट और निक हेग को पिछले साल के अमेरिकी चुनाव में वोट डालने का मौका मिला। अंतरिक्ष से वोट डालने के लिए ह्यूस्टन में मिशन कंट्रोल सेंटर ने आईएसएस को एन्क्रिप्टेड ईमेल के माध्यम से मतपत्र भेजे थे। अंतरिक्ष यात्रियों ने उन्हें भरकर सैटेलाइट को ट्रांसमिट किया। सैटेलाइट ने उन्हें न्यू मैक्सिको में एक ग्राउंड टर्मिनल पर भेजा। वहां से लैंडलाइन ने मतपत्रों को मिशन कंट्रोल को भेजा, जिन्होंने उन्हें अंतरिक्ष यात्रियों के काउंटी क्लर्कों को फाइल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजा।
सुनीता ने अंतरिक्ष से बताया था कि वे सुबह 06:30 बजे उठती हैं और हर दिन दो घंटे व्यायाम करती हैं। यह व्यायाम उन्हें अंतरिक्ष में रहने से होने वाली हड्डियों के घनत्व के नुकसान से बचाने में मदद करता है। अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहने के प्रभाव को कम करने के लिए तीन अलग-अलग मशीनों का इस्तेमाल वे करती थीं। इसके बाद लगातार रिसर्च से जुड़ा काम भी दोनों एस्ट्रोनॉट करते रहे।
क्रिसमस पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से उन्होंने पृथ्वी पर अपने दोस्तों और परिवार को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी थीं। पूरी टीम ने सांता टोपी और रेनडियर एंटलर पहने थे। इस तरह वे भी क्रिसमस की खुशियों में शामिल हुए थे। ये सब उनके लिए जरूरी था ताकि वे अलगाव महसूस न करें। यही सब वजह थी कि जब सुनीता ने धरती पर वापसी की तो स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बावजूद वे मुस्कुराती दिखीं。