इजरायल पर करम और यूक्रेन पर सितम; डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति का क्या है चीन कनेक्शन

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद विदेश नीति में बदलाव आए हैं। उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को फटकार लगाई और फंडिंग रोक दी, जबकि इजरायल के लिए 4 अरब डॉलर का फंड मंजूर किया। बाइडेन सरकार का इजरायल को हथियार फंडिंग रोकने का फैसला पलटा गया। विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप यूक्रेन को युद्ध रोकने के लिए मनाकर रूस को साधना चाहते हैं, ताकि चीन के साथ ट्रेड वॉर में मुकाबला किया जा सके। इजरायल को फंडिंग जारी है क्योंकि उसने सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन से संबंध बना लिए हैं। ईरान से अमेरिका की अदावत के चलते इजरायल की फंडिंग बढ़ाई जा रही है, क्योंकि ट्रंप ने कहा है कि हमास से जंग में इजरायल को अस्तित्व का खतरा है। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिचर्ड एफ. बेंसेल के अनुसार, यूक्रेन का मामला धार्मिक नहीं है, इसलिए उससे दूरी बनाने से अमेरिका को नुकसान नहीं है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इजरायल को तत्काल 4 अरब डॉलर का फंड जारी करने का आदेश दिया है, क्योंकि बाइडेन प्रशासन ने हथियारों की सप्लाई पर रोक लगा दी थी, जिसे अब हटा दिया गया है।

Mar 4, 2025 - 13:59
इजरायल पर करम और यूक्रेन पर सितम; डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति का क्या है चीन कनेक्शन
अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में, घरेलू और विदेश नीति दोनों में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए हैं।

ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान अपनी असहमति व्यक्त की और यूक्रेन के लिए फंडिंग रोक दी, जबकि इजरायल के लिए 4 बिलियन डॉलर की सहायता राशि मंजूर की गई।

बाइडेन सरकार के उस फैसले को पलट दिया गया, जिसमें इजरायल को हथियारों की फंडिंग रोकने का प्रावधान था।

ऐसे में सवाल उठता है कि अमेरिका इजरायल के लिए फंडिंग क्यों बढ़ा रहा है और यूक्रेन के साथ विपरीत व्यवहार क्यों कर रहा है?

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी यूक्रेन को युद्ध रोकने के लिए मनाकर रूस को साधना चाहते हैं।

एक रणनीति यह है कि रूस को साथ लेकर चीन के साथ व्यापार युद्ध (Trade War) में मुकाबला किया जाए, जिसके चलते यूक्रेन से संबंध सीमित किए जा रहे हैं।

इजरायल को फंडिंग जारी रखने का कारण यह है कि इजरायल ने पहले ही सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन जैसे देशों के साथ संबंध स्थापित कर लिए हैं।

अमेरिका के लिए यूक्रेन युद्ध जैसी कोई मजबूरी नहीं है। इजरायल के मामले में सऊदी अरब और अन्य मुस्लिम देश तटस्थ भूमिका में हैं, जबकि हमास को ईरान से समर्थन मिल रहा है।

ईरान के साथ अमेरिका के संबंध तनावपूर्ण हैं, इसलिए अमेरिका ईरान और उसके समर्थक आतंकवादी संगठनों (हमास, हिजबुल्लाह) से निपटने के लिए इजरायल की फंडिंग बढ़ा रहा है।

ट्रंप ने कहा है कि हमास के साथ युद्ध में इजरायल अपने अस्तित्व के खतरे का सामना कर रहा है, इसलिए इस युद्ध को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाना चाहिए।

कॉर्नेल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रिचर्ड एफ. बेंसेल के अनुसार, यूक्रेन का मामला धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण नहीं है, इसलिए उससे दूरी बनाने से अमेरिका को कोई नुकसान नहीं है।

इससे न तो नैरेटिव खराब होता है और न ही आर्थिक नुकसान होता है। अमेरिका में यूक्रेनी लॉबी भी इतनी मजबूत नहीं है कि सरकार पर दबाव बना सके।

अमेरिका इजरायल का खुलकर समर्थन कर रहा है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 4 बिलियन डॉलर की तत्काल फंडिंग जारी करने का आदेश दिया है। यह फंड इजरायल को सैन्य सहायता के लिए है।

रुबियो ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने इजरायल को हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगा दी थी, जो कि एक गलत फैसला था, जिसे अब बदल दिया गया है। डोनाल्ड ट्रंप से बड़ा इजरायल का कोई हितैषी नहीं है।