भारत-पाक रिश्ते: कसूरी का कबूलनामा, मोदी से उम्मीदें बरकरार
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को इतिहास के सबसे बुरे दौर में बताया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत ही मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र जरिया है। कसूरी ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के फॉर्मूले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की अधिकांश जनता पाकिस्तान के साथ शांति चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान-भारत संबंधों में अचानक सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं, जैसे कि 2015 में पीएम मोदी का लाहौर दौरा। कसूरी ने भविष्य में भी ऐसी चौंकाने वाली घटनाओं की संभावना जताई है।

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
कसूरी ने इंस्टीट्यूट ऑफ पीस एंड कनेक्टिविटी (आईपीएसी) के एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि आपसी बातचीत ही दोनों देशों के बीच मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के बाद भी दोनों देश शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए बातचीत की मेज पर आ गए थे।
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के फॉर्मूले का जिक्र करते हुए कसूरी ने कहा कि भारत की अधिकांश जनता पाकिस्तान के साथ शांति चाहती है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कैसे करगिल युद्ध के सूत्रधार मुशर्रफ का बाद में भारत में स्वागत किया गया था।
कसूरी ने 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे का भी जिक्र किया, जब उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उन्होंने भविष्य में भी इसी तरह के सकारात्मक बदलावों की उम्मीद जताई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2021 में पीएम मोदी की पाकिस्तान यात्रा की योजना थी, लेकिन यह हो नहीं पाई।