ढाका में मजदूर आंदोलन: यूनुस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कामगार

ढाका में गारमेंट मजदूरों ने यूनुस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया, कारखाने बंद होने और वेतन न मिलने से मजदूर परेशान हैं। हजारों मजदूरों ने हाईवे जाम कर दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ। गाजीपुर में एक फैक्ट्री के बंद होने के बाद प्रदर्शन शुरू हुआ, मजदूर बकाया वेतन और बोनस की मांग कर रहे हैं। आईएलओ की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में कम वेतन वाले मजदूरों का प्रतिशत अधिक है, बढ़ती असमानता के कारण मजदूर भोजन की खपत कम करने को मजबूर हैं। यूनुस सरकार के आने के बाद से मजदूरों के विरोध प्रदर्शन बढ़े हैं।

Mar 23, 2025 - 06:58
ढाका में मजदूर आंदोलन: यूनुस सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे कामगार
ढाका में गारमेंट मजदूरों का प्रदर्शन: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गारमेंट फैक्ट्रियों के बंद होने और वेतन न मिलने से परेशान मजदूरों ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

हाईवे जाम: हजारों मजदूरों ने शनिवार को हाईवे जाम कर दिया, कारखाने दोबारा खोलने, वार्षिक अवकाश, बकाया वेतन और बोनस की मांग की। इस प्रदर्शन से यातायात बाधित हुआ और स्थानीय लोगों को परेशानी हुई।

फैक्ट्री बंद होने से प्रदर्शन शुरू: गाजीपुर जिले में जायंट निट गारमेंट फैक्ट्री के मजदूरों ने फैक्ट्री बंद होने के नोटिस के बाद प्रदर्शन शुरू किया। श्रमिकों ने छुट्टी और बोनस भुगतान को लेकर पहले भी प्रदर्शन किया था, जिसके जवाब में फैक्ट्री अधिकारियों ने फैक्ट्री बंद करने का नोटिस जारी कर दिया।

मजदूरों की मांगें: प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि वे अपने परिवारों के साथ जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और ईद करीब होने के बावजूद उन्हें छुट्टियों के भुगतान और बोनस की कोई गारंटी नहीं है।

वेतन न मिलने से आक्रोश: इस सप्ताह की शुरुआत में भी वेतन न मिलने पर मजदूरों ने हाईवे जाम कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि 300 से अधिक मजदूरों को वेतन नहीं मिला और अधिकारी बिना कारण बताए वेतन में देरी कर रहे हैं।

कारखानों का बंद होना: स्थानीय मीडिया के अनुसार, पिछले सप्ताह गाजीपुर के कलियाकोइर में 15 कपड़ा कारखाने बंद हो गए थे, जिसके विरोध में मजदूरों ने हाईवे ब्लॉक कर दिया था। आईएलओ की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में दक्षिण एशियाई देशों में कम वेतन वाले मजदूरों का तीसरा सबसे बड़ा प्रतिशत है।

आर्थिक असमानता: अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बढ़ती असमानता के कारण कम आय वाले मजदूर भोजन की खपत कम करने को मजबूर हैं। यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही मजदूरों के विरोध प्रदर्शन और हड़तालें बढ़ गई हैं।