बिहार में शिक्षा सुधार: शिक्षकों की हाजिरी और सत्यापन के लिए नई डिजिटल व्यवस्था लागू

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने और शिक्षकों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब शिक्षकों की दिन में तीन बार हाजिरी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे उनकी नियमित उपस्थिति और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग ने इस नई व्यवस्था को 1 दिसंबर से लागू करने का निर्णय लिया है।

Nov 26, 2024 - 17:36
बिहार में शिक्षा सुधार: शिक्षकों की हाजिरी और सत्यापन के लिए नई डिजिटल व्यवस्था लागू

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने और शिक्षकों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब शिक्षकों की दिन में तीन बार हाजिरी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे उनकी नियमित उपस्थिति और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा का लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग ने इस नई व्यवस्था को 1 दिसंबर से लागू करने का निर्णय लिया है।

शिक्षा में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को प्राथमिकता देते हुए, "ई-शिक्षा कोष ऐप" लॉन्च किया गया है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। शिक्षकों की हाजिरी के आधार पर उनकी सैलरी जारी की जाएगी। यह कदम शिक्षकों की अनियमितता पर लगाम लगाने और शिक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कदम केवल उपस्थिति तक सीमित नहीं है, बल्कि शैक्षणिक मानकों को बढ़ाने के व्यापक उद्देश्य से प्रेरित है। शिक्षकों की जवाबदेही और विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति पर ध्यान केंद्रित करते हुए, विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का माहौल अनुशासित और प्रभावी हो।

इसके अलावा, सक्षमता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षकों के सत्यापन की प्रक्रिया भी तेज गति से संचालित की जा रही है। शिक्षकों की काउंसलिंग और सत्यापन के लिए बिन टोलिया स्थित निबंधन एवं परामर्श केंद्र में पांच काउंटर बनाए गए हैं, जहां डिजिटल बायोमीट्रिक और दस्तावेज़ सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है।

शिक्षा विभाग की इस प्रक्रिया में शिक्षकों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। विषयवार काउंटर निर्धारित कर किसी भी तरह की परेशानी से बचने के इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल शिक्षकों की दक्षता और प्रमाणिकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

आगामी 30 नवंबर तक इस प्रक्रिया के अंतर्गत हजारों शिक्षकों का सत्यापन पूरा होगा। मुख्यमंत्री के इस दूरदर्शी निर्णय से बिहार की शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी, जो राज्य के समग्र विकास और समाज के भविष्य निर्माण की दृष्टि से एक अत्यंत सकारात्मक कदम है।